शाबर मंत्र Can Be Fun For Anyone
इस कारण वह अपनी जांच करने से मना कर सकता है तथा उसे इस बात पर क्रोध भी आ सकता है जब पुरुष को उसकी सन्तान उत्पत्ति सामर्थ्यता का परीक्षण करवाने को कहा जाए
टोटको का वर्णन किया गया है जिनके द्वारा आप अपने परिवार में उत्पन्न समस्याओ से निजात पा सकते है
महिलाओं की स्थिति और भूमिका का पुनर्मूल्यांकन
इस पुस्तक में शरीर रक्षा, गृह रक्षा, भूत, प्रेत, जादू, टोना, तंत्र, मन्त्र किये कराये, बुरी नजर दोष आदि से रक्षा के मंत्रो, तंत्रों व यंत्रो का संकलन किया गया हैं
या आपका कहना ना मानता हो या किसी और दुसरे के साथ वो ज्यादा लगाव रखता / रखती है ?
आप, हे कटे हुए एक, स्वेच्छा से मुझे अनुमति दें। मैं चलने के दौरान किए गए मेरे पापपूर्ण कृत्यों को स्वीकार करना चाहता हूं। मैं आपकी अनुमति का सम्मान करता हूं। मैं उन्हें स्वीकार करके पापपूर्ण कृत्यों से खुद को मुक्त करना चाहता हूं। मैं उन जीवित प्राणियों से क्षमा चाहता हूं जिन्हें मैंने चलने, आने और जाने, जीवित जीव, बीज, हरी घास, ओस बूंदों, चींटी पहाड़ियों, मूस, जीवित पानी, जीवित पृथ्वी, मकड़ी वेब और अन्य पर चलने पर अत्याचार किया हो। मैं इन सभी जीवित प्राणियों से क्षमा चाहता हूं, क्या वे एक महसूस करते हैं, दो संवेदना, तीन संवेदना, चार संवेदना या पांच संवेदना, जिन्हें मैंने लात मार दिया है, धूल से ढका हुआ है, पृथ्वी से घिरा हुआ है, दूसरे के साथ टक्कर लगी है, उल्टा हो गया है, भयभीत, एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित हो गया या उन्हें मार डाला और उन्हें अपने जीवन से वंचित कर दिया। (कबूल करके) क्या मैं इन सभी पापों से अनुपस्थित हो सकता हूं।
कई बार आप शबर मंत्र सिखाते थे और आप सफल नहीं हो सके?
५- “ॐ यो यो हनुमन्त फलफलित धग्धगिति आयुराष परुडाह ।”
वस्तुतः वैदिक मन्त्र कीलित होते है जिनको की जनसाधारण द्वारा सिद्ध करना बहुत ही मुस्किल कार्य है
करवा चौथ (कर्क चतुर्थी):कार्तिक वदी (कृष्ण पक्ष ) चतुर्थी
click here शाबर मंत्रो की सिद्धी के लिए वैदिक तांत्रिक मन्त्रो जैसे कड़े एंव समस्या पूर्ण विधान नहीं होते है
३. अनेकानेक रोग से भी लोग परेशान रहते है,इस कारण श्री हनुमान जी का तीव्र रोग हर मंत्र का जप करनें,जल,दवा अभिमंत्रित कर पीने से असाध्य रोग भी दूर होता है। तांबा के पात्र में जल भरकर सामने रख श्री हनुमान जी का ध्यान कर मंत्र जप कर जलपान करने से शीघ्र रोग दूर होता है।श्री हनुमान जी का सप्तमुखी ध्यान कर मंत्र जप करें।
ॐ नमो भगवते ! असहाय-सूर ! सूर्य-मण्डल-कवलीकृत ! काल-कालान्तक ! एहि एहि, आवेशय आवेशय, वीर-राघव आज्ञापयति स्वाहा।”